मातु पिता गुर प्रभु कै बानी
बिनहिं बिचार करिअ सुभ जानी
मातु पिता गुर स्वामि निदेसू
सकल धरम धरनीधर सेसू
चारि पदारथ करतल ताकें
प्रिय पितु मातु प्रान सम जाकें
अस जियँ जानि सुनहु सिख भाई
करहु मातु पितु पद सेवकाई
सुनु जननी सोई सुत बड़भागी
जो पितु मातु बचन अनुरागी
धन्य जनमु जगतीतल तासू
पितहि प्रमोदु चरित सुनि जासू
गुर पितु मातु महेस भवानी
प्रनवउँ दीनबंधु दिन दानी
राम नाम कलि अभिमत दाता
हित परलोक लोक पितु माता
मातु पिता गुरु स्वामि सिख, सिर धरि करहि सुभायँ
लहेउ लाभु तिन्ह जनम कर, नतरु जनमु जग जायँ
अनुचित उचित बिचारु तजि, जे पालहिं पितु बैन
ते भाजन सुख सुजस के, बसहिं अमरपति ऐन
Listen below as sung by myself (Ram Bhatt) while playing amateur dholak:
This geet comprises of some of most popular चौपाई/दोहा about glory of beloved parents from different सोपान of Ramcharitmanas by Goswami Tulsidas ji.
Below is meaning of some of difficult words from above lyrics. For more comprehensive list of word meanings from Ramayan, refer to Tulsidas RamCharitManas Ramayan - Words and Meaning in Hindi
सिख - शिक्षा
सुभायँ - शुभ करें (पालन करें)
नतरु - नहीं तो; अन्यथा
जनमु जग जायँ - जनम लेके जग से (बिना किसी जनम लाभ के) चले जायेंगे
भाजन - पात्र (भोजन का
ऐन - अयन; मार्ग
अमरपति ऐन - अमरपति(इंद्र) के घर का रास्ता; स्वर्ग
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